मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात ( Major waterfalls of Madhya Pradesh )
1. चचाई जलप्रपात :-
* चचाई जलप्रपात’ मध्य प्रदेश के ख़ूबसूरत पर्यटन स्थानों में से एक है। यह एक प्राकृतिक एवं गोलाकार जलप्रपात है। इस प्रपात को “भारत का नियाग्रा” भी कहा जाता है।
* चचाई जलप्रपात रीवा, मध्य प्रदेश से उत्तर की ओर 42 कि.मी. की दूरी पर सिरमौर तहसील में स्थित है। यह प्रपात बीहर नदी द्वारा निर्मित होता है। यह एक खूबसूरत एवं आकर्षक जलप्रपात है, जो 115 मीटर गहरा एवं 175 मीटर चौड़ा है। बीहर नदी के एक मनोरम घाटी में गिरने से यह प्रपात बनता है। यह एक प्राकृतिक एवं गोलाकार जलप्रपात है।
2. धुआंधार जलप्रपात :-
* धुआँधार प्रपात मध्य प्रदेश के जबलपुर के निकट स्थित एक बहुत ही सुन्दर जल प्रपात है। भेड़ाघाट में जब नर्मदा नदी की ऊपरी धारा विश्व प्रसिद्ध संगमरमर के पत्थरों पर गिरती है, तो जल की सूक्ष्म बूँदों से एक धुएँ जैसा झरना बन जाता है, इसी कारण से इसका का नाम ‘धुआंधार प्रपात’ रखा गया है।
* यह प्रपात नर्मदा नदी का जल प्रपात है, जो भेड़ाघाट जबलपुर से 21 किलोमीटर की दूरी पर महेश्वर (खरगोन स्थित है |
* धुंआंधार प्रपात अपनी शांति और सुन्दर दृश्यावली से पर्यटकों का मन मोह लेता है। इसका जल लगभग 18 मीटर की ऊँचाई से गिरता है।
* इस आकर्षक जल प्रपात में जल की नन्हीं बूँदें बिखरकर धुँए का दृश्य बना देती हैं।इसलिए इसे ‘धुँआधार प्रपात’ के नाम से जाना जाता है।
3. कपिलधारा जलप्रपात :-
* कपिलधारा जलप्रपात नर्मदा कुंड से लगभग 8 कि॰मी॰ उत्तर-पश्चिम दिशा में नर्मदा के उत्तर किनारे पर अनूपपुर जिले में ‘कपिल धारा’ नामक जलप्रपात है| जिसकी जलधारा पहाड़ से लगभग 15 मीटर नीचे गिरती है|
* प्राचीन जनश्रुतियों के अनुसार इसी स्थान पर कपिल मुनि नए संख्याशास्त्र की रचना की थी| यह स्थान परम रमणीय है और प्रकृतिक है और प्रकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है | अमरकंटक आने वाले सैलानी इस स्थान पर पहुंचे बिना अपनी यात्रा अपूर्ण समझते है | यह जलप्रपात पर्यटक को को आकर्षित करता है ! यह अपनी अनुपम छटा बिखेरे हुए हैं |
4. दुग्ध धारा जलप्रपात :-
* दुग्ध धारा जलप्रपात नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से से लगभग 100 कि॰मी॰ कि दूरी पर पश्चिम दिशा कि ओर अनूपपुर जिले में स्थित है दूधधारा नामक श्री नर्मदा जी का अद्वितीय जल प्रपात है। इसकी ऊंचाई 15 मीटर से कम है !
* यह घने वनों के मध्य अत्यंत मनोरम छटा उपस्थित करता है पुराणों मे ऐसा कहा गया है कि इस स्थान पर दुर्वासा ऋषि ने तपस्या कि थी। इसलिए इसका नाम “दुर्वासा धारा” पड़ा परंतु कालांतर मे इसका अपभ्रंस रूप दूध धारा के रूप मे प्रचलित हुआ।
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5. सहस्त्रधारा जलप्रपात :-
* सहस्त्रधारा देहरादून से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी jमहेश्वर (खरगोन) जिले मे राजपुर गांव के पास स्थित है। सहस्त्रधारा जलप्रपात नर्मदा नदी पर स्थित है यहां स्थित गंधक झरना त्वचा की बीमारियों की चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध है। इसकी ऊंचाई 8 मीटर है !
6. पवा जल प्रपात :-
* पवा जल प्रपात शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील में स्थित है ! पवा जल प्रपात की दूरी शिवपुरी शहर से लगभग 40 किलोमीटर हैं और श्योपुर हाईवे से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है !
* पवा झरना एक सुंदर झरना है। यहां भगवान शिव की भव्य मूर्ति है ! पवा कुंड की गहराई लगभग 500 फीट है ! कुंड के चारों ओर की पहाड़ियों इस जगह को बेहद खूबसूरत एवं आकर्षक बनाती है ! यह एक बहुत ही धार्मिक स्थल है !
7. राहतगढ़ जलप्रपात :-
* राहतगढ़ जलप्रपात मध्य प्रदेश प्रदेश मे स्थित एक जलप्रपात है। राहतगढ़ का सुंदर जलप्रपात सागर-भोपाल मार्ग पर करीब 50 किमी दूर स्थित है !
* राहतगढ़ जलप्रपात कस्बा वॉटरफॉल के कारण अब एक बेहद लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है। बीना नदी के किनारे पर स्थित है सागर के स्थानीय निवासी वर्षा-ऋतु में यहाँ छुट्टी के दिन समय बिताने के लिए बड़ी संख्या में जाते हैं। शहर के आस-पास ऐसे स्थलों का अभाव होने के कारण यह पिकनिक मनाने का अत्यंत लोकप्रिय स्थान है।
8. पातालपानी जलप्रपात :-
* पातालपानी जलप्रपात मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर जिले के महू तहसील में स्थित है। पातालपानी जलप्रपात चंबल नदी पर स्थित है झरना लगभग 300 फीट ऊंचा है। पातालपनी के आसपास का क्षेत्र एक लोकप्रिय पिकनिक और ट्रेकिंग स्पॉट है।
* पातालपानी जलप्रपात पर बारिश के मौसम (आमतौर पर जुलाई के बाद) के बाद पानी का प्रवाह सबसे अधिक होता है। यह गर्मियों के मौसम में लगभग सूखा जाता है, और धारा एक बिल्कुल में कम हो जाती है।
9. भालकुंड जलप्रपात :-
* भालकुंड जलप्रपात मध्य प्रदेश के सागर जिले राहतगढ़ में (बेतवा की सहायक नदी) बीना नदी पर स्थित है !
* भाल कुंड जलप्रपात की ऊंचाई 38 मीटर है यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है
10. अप्सरा जलप्रपात :-
* अप्सरा जलप्रपात मध्य प्रदेश की सतपुड़ा पर्वतश्रेणियोंमें प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह पचमढ़ी में स्थित है !
* पांडव गुफ़ा के साथ ही ‘अप्सरा (विहार)’ या ‘परी ताल’ के लिए मार्ग जाता है, जहां पैदल चलकर ही पहुंचा जा सकता है। यह तालाब एक अप्सरा जलप्रपात (झरने) से बना है, जो 30 फीट ऊंचा है। अधिक गहरा न होने की वजह से यह तालाब तैराकी और ग़ोताख़ोरी के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। इस तालाब को पंचमढ़ी का सबसे सुन्दर ताल माना जाता है।









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