मध्य प्रदेश के पर्वत और पठार (Mountains and plateaus of Madhya Pradesh)

Madhya Pradesh Mountains
( मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्वत )
मध्यप्रदेश का अधिकतर भाग दक्कन पठार के अंतर्गत आता है यही कारण है कि प्रदेश का आधे से अधिक भाग पठारी है लेकिन प्रदेश में जगह-जगह ऊंचे-नीचे पर्वत भी पाए जाते हैं |
मध्य प्रदेश के पर्वत एवं पर्वत श्रृंखलाए :-
1. विंध्यांचल - सद्भावना शिखर
2. सतपुड़ा - धुपगढ़ चोटी
मध्य प्रदेश के प्रमुख पठार :-
1. मालवा का पठार
2. मध्यभारत का पठार
3. बुंदेलखंड का पठार
4. रीवा पन्ना का पठार
5. बघेलखंड का पठार
6. सतपुड़ा मैकाल श्रेणी
7. नर्मदा सोन घाटी
विंध्यांचल पर्वत श्रृंखला :-
* विंध्यांचल पर्वत नर्मदा नदि के उत्तर में पूर्व से पश्चिम की और फेला है |
* यह हिमालय से भी प्राचीन पर्वत है |
* विंध्यांचल पर्वत की औसत ऊचाई 457 मी. से 610 मी तक पाई जाती है |
* इसकी सबसे ऊची चोटी अमरकंटक है जिसकी ऊँचाई 900 मी से भी अधिक है
* विंध्यांचल पर्वत का निर्माण क्वार्टज एवं बालू पत्थर से हुआ है
* इससे निकलने वाली प्रमुख नदियो में नर्मदा, सोन, केन, एवं बेतवा प्रमुख है |
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कैमूर भांडेर श्रेणी :-
* नर्मदा नदी के पूर्वी भाग में स्थित विंध्यांचल पर्वत का पूर्वी विस्तार कैमूर भांडेर श्रेणी के नाम से जाना जाता है |
* इनका निर्माण बालू पत्थर एवं क्वार्ट्ज चट्टानों से हुआ है |
* इनकी औसत ऊँचाई 450-600 मी. के मध्य है |
* यह यमुना और सोन नदी के के बीच जल विभाजन का कार्य करती है |
* बांधवगढ़ की पहाड़िया इसी के अंतर्गत आती है |
* प्रदेश में इसका विस्तार सीधी, सतना, रीवा, पन्ना, और छतरपुर जिलो में है |
अरावली पर्वत :-
* अरावली पर्वत मालवा के उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है |
* अरावली पर्वत पृथ्वी की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला मानी जाती है |
* इसका विस्तार दिल्ली के पास से गुजरात के अहमदाबाद तक 800 किमी की लम्बाई में है |
* इस पर्वत की सबसे ऊची छोटी आबू शिखर है जिसकी ऊचाई 1158 मीटर है |
सतपुड़ा पर्वत :-
* इस पर्वत का निर्माण ग्रेनाइट एवं बेसाल्ट चट्टानों से हुआ है |
* प्रदेश में इसका विस्तार नर्मदा सोन नदी के दक्षिण में विंध्यांचल के समान्तर 1120 किमी की लम्बाई में है |
* यह पर्वत 700-1350 मी. तक ऊचा है |
* इसकी सबसे ऊची चोटी धूपगढ़ (1350) मी. है जो पंचमढ़ी के पास महादेव पर्वत पर स्थित है |
* पादेश का एकमात्र हिल स्टेशन पंचमढ़ी इसी पर्वत की महादेव श्रेणी पर स्थित है |
मालवा का पठार :-
* मालवा, ज्वालामुखी के उद्गार से बना पश्चिमी भारत का एक अंचल है।
* प्रमुख चोटियां: सिगार, जानापाव ,धजारी |
* मालवा का अधिकांश भाग चंबल नदी तथा इसकी शाखाओं द्वारा संचित है |
* समुद्र तल से इसकी औसत ऊँचाई 500 मी. है।
* वर्त्तमान में यह लगभग 47,760 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है |
* जानापाव पहाड़ी पर स्थित वांचू प्वाइंट चंबल नदी का उद्गम स्थल है।
* यहा मुख्यतः काली मिट्टी पायी जाती है। गेहूं, गन्ना, कपास, तथा सोयाबीन यहां की मुख्य फसल है |
* जलवायु : यहां ग्रीष्म ऋतु में न तो अधिक गर्मी पड़ती है और न ही शीत ऋतु में अधिक ठंड, औसत वर्षा 75- 125 cm, औसत तापमान 41°C
* फाहयान ने यहां की को विश्व की श्रेष्ठतम जलवायु कहा है ।
* कुल 16 जिले इसके अंतर्गत आते है |
* कर्क रेखा इसके मध्य से होकर गुजरती है।
* इसे गेहूं का डलिया भी कहते है |
मध्य भारत का पठार :-
* इसका क्षेत्रफल 32896 वर्ग किमी. है |
* मध्यभारत का पठार बुंदेलखंड,अरावली पर्वत तथा मालवा के पठार से घिरा है।
* इसकी समुद्र तल सर 300 से 500 मीटर ऊंचाई पर है।
* इस पठार में चंबल घाटी स्थित है।
* यहां की जलवायु महाद्वीपीय प्रकार की है। यहां गर्मियों में अधिक गर्मी तथा सर्दियों में अधिक सर्दी पड़ती है। औसत वर्षा 76 cm,
* प्रमुख शहर : मुरैना, शिवपुरी, भिंड,तथा ग्वालियर
* प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र: मालनपुर (भिंड)
बुन्देलखंड का पठार :-
बुंदेलखंड पठार लाल-पीली मिट्टी नीस और ग्रेनाइट से बना है |
* जलवायु : महाद्वीपीय
* नदियां : बेतवा,धसान केन,सिंध आदि
* सबसे ऊंची चोटी : सिद्ध बाबा (1172 मीटर) ।
* प्रसिद्ध पर्यटन स्थल :खजुराहो ।
* इसके उत्तर में यमुना नदी के मैदान आते है |
रीवा पन्ना का पठार :-
* यह पठारी प्रदेश विंध्य शैलो से निर्मित है।
* प्रमुख नदियां : टोंस, केन,सोनार और ब्यारमा ।
* इस पठार को सफेद शेरों के लिये भी जाना जाता है। साथ ही हीरा उत्पादन के लिए भी एक प्रसिद्ध है।
* यहां की जलवायु महाद्वीपीय प्रकार की है।औसत वर्षा 125 सेमी. होती है जो कि उत्तर-पश्चिम की ओर कम होती जाती है।
* सतना जिले में चूना पत्थर तथा पन्ना में हीरा पाया जाता है।
* दर्शनीय स्थल: चित्रकूट तथा मैहर ।
* सफेद बाघ सफारी :मुकुंदपुर(सतना) |
बघेलखंड का पठार :-
* बघेलखंड का पठार मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है। और यहाँ छत्तीसगढ़ से सीमा बनता है |
* जलवायु : मानसूनी है। यहां पर गर्मी में अधिक गर्मी तथा ठंड में अधिक ठंड पड़ती है। यहां औसत वार्षिक वर्षा 125 सेंटीमीटर से अधिक होती है।
* इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 1500 मी. है |
* इसमें धारवाड़, युगीन, ग्रेनाइट शैल समूह पाए जाते है |
* बघेलखंड के पठार में मुख्य व्यवसाय वनों पर आधारित है तथा उत्खनन उद्योग में कार्य करना है।
* औद्योगिक दृष्टि से यह एक पिछड़ा क्षेत्र है।
* अमरकंटक में ताप बिजली ग्रह, मध्यप्रदेश की ऊर्जा राजधानी कही जाने वाली सिंगरौली के बेढ़न में विंध्याचल बृहद ताप विद्युत गृह तथा अमलाई में ओरिएंटल पेपर मिल आदि उद्योग है।
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सतपुड़ा मैकाल श्रेणी :-
* यह मध्य प्रदेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित है और यह दक्कन ट्रैप से निर्मित है |
* यह पर लैटेराइट मिट्टी पाई जाती है |
* इसके अंतर्गत तीन श्रेणियां हैं : 1. राजपीपला श्रेणी, 2. सतपुड़ा श्रेणी, 3. मैकल की श्रेणी
राजपिपला श्रेणी : यह सतपुड़ा श्रेणी के पश्चिमी भाग से बुरहानपुर दर्रे तक विस्तृत है।
सतपुड़ा श्रेणी (मध्य श्रेणी) : इसे मध्य श्रेणी भी कहते हैं इसमें ग्वालीघाट तथा महादेव श्रेणी आती हैं। मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़।(1350 मीटर) महादेव श्रेणी में ही स्थित है।
मैकाल श्रेणी: सतपुड़ा श्रेणी का पूर्वी भाग मैकल श्रेणी के नाम से जाना जाता है, नर्मदा नदी का उद्गम मैकाल श्रेणी मे ही है।
* यह की जलवायु मानसूनी और यह पर औसत वर्षा 125 सेमी से 150 सेमी. तक है
* मध्य प्रदेश का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान पचमढ़ी यहीं स्थित है जहां पर 197 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है।
* यहां पर शुष्क मानसून वन पाए जाते हैं जिम में सागौन,सलाई,बास,तेंदू,बीजा,शीशम,हर्रा,बहेड़ा,आंवला के वृक्ष है।
नर्मदा सोन घाटी :
* यह मध्यप्रदेश का सबसे निचला भाग है | नर्मदा सोन घाटी मध्य प्रदेश के पश्चिम भाग से लेकर उत्तर-पूर्व तक सर्पिलाकार मे फैली है।
* यह एक भ्रंश घाटी है |
* प्रमुख शहर :जबलपुर,कटनी,नरसिंहपुर,होशंगाबाद,बड़वानी आदि
* प्रमुख नदियां : नर्मदा,सोन, तवा, शक्कर आदि
* यहां गहरी काली मिट्टी पाई जाती है। गेहूं यहां की प्रमुख फसल है ।
* जलवायु मानशूनी, औसत वर्षा 100-125 cm , यहां ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी तथा शीत ऋतु में साधारण ठंडी पड़ती है |









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